कवासी लखमा बोले- आदिवासी हिंदू नहीं, अलग हो धर्म कोड

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RAIPUR. Kawasi Lakhma said – Tribals are not Hindus, separate religion code छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने एक बार फिर अलग तरह का बयान दिया है। शनिवार रात लखमा रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित अनुसूचित जनजाति सम्मेलन में पहुंचे। इस कार्यक्रम के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान लखमा ने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं हे। उनके लिए अलग धर्म कोड बनना चाहिए। जिस तरह से जैन धर्म का अलग कोड दिया गया है उसी तरह आदिवासियों का कोड होना चाहिए। आदिवासी समाज ने 20 अप्रैल को राष्ट्रपति से मुलाकात कर यह मांग उठाने का फैसला लिया है।

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रायपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान लखमा कहा कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासी आदिवासी हैं। जंगल और पहाड़ की रक्षा करने वाले आदिवासी हैं।  लखमा ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर गत वर्ष राज्य में पेसा कानून लागू किया गया। पेसा कानून का राज्य में प्रारंभिक काल है। आदिवासी समाज के हित में सामाजिक एकता के साथ इसमें सुधार के लिए अनुसूचित जनजाति आयोग को सुझाव दें। आयोग उनके सुझाव कोे सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोशिश की है कि आदिवासी क्षेत्रों में समाज के स्थानीय निवासियों को वहीं पर सरकारी नौकरी मिले। सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए आदिवासी समाज के लिए सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था की है।

पूजा पाठ भी हम अलग करते है, विवाह भी

पिछले महीने रायपुर सर्किट हाउस में मीडिया से चर्चा के दौरान आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा था कि हम लोग आदिकाल से रहने वाले लोग हैं। हम लोग जंगल में रहते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। हिंदू अलग करता है, हम अलग करते हैं। आदिवासी अगर शादी करता है तो गांव के पुजारी से पानी डलवाते हैं। हम किसी पंडित से पूजा नहीं कराते हैं। इसलिए हम लोग हिंदू से अलग हैं। हम जंगल में रहने वाले आदिवासी हैं।

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