रायपुर। Uproar over alcohol in the assembly। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन भी सदन में हंगामा जारी है। दरअसल, आज विपक्ष शराब का मुद्दा उठाया। भाजपा विधायक नारायण चंदेल में सदन में मामला उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से अवैध शराब राज्य में खपाई जा रही है। अवैध शराब मामले में कई लोग पकड़े गए, लेकिन बग़ैर जुर्म दर्ज किये छोड़ दिया गया।
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इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जहां-जहां से शिकायतें आती हैं, वहां कार्रवाई करते हैं। जांजगीर ज़िले में शराब में पानी मिलाने की शिकायत आई थी, वहां ज़िम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। रायगढ़ जिले में भी पानी मिलाने के पांच प्रकरण आए थे। जिम्मेदार लोगों पर सस्पेंशन की कार्रवाई की गई है। वहीं, आज सीएम भूपेश बघेल 2022-23 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश करेंगे।
वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री ने पानी मिलाए जाने की शिकायत को सही माना है। शराब में पानी मिलाने की जांच की क्या प्रक्रिया है? मो अकबर ने कहा कि हाईड्रोमीटर से जांच की जाती है। इस बीच, बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सभी शराब दुकानों में शराब की दो अलग-अलग पेटी रखी जाती है। एक पेटी परमिट वाली होती है और दूसरी पेटी बग़ैर परमिट वाली, 25 फ़ीसदी परमिट की शराब और 75 फ़ीसदी बग़ैर परमिट की शराब बेची जा रही है।
हंगामे के बीच भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि गौरेला पेंड्रा ज़िला बने दो साल हो गए हैं, लेकिन शराब दुकानों का संचालन बिलासपुर से हो रही है। ऐसे में जिला बनाने का क्या औचित्य? बॉर्डर का जिला है, वहां अमला नहीं बैठेगा तो अवैध शराब की तस्करी बढ़ सकती है। आबकारी मंत्री की तरफ़ से मंत्री मो. अकबर ने कहा कि विभागीय सेटअप बैठेगा तो संचालन उसी जिले से शुरू हो जाएगा।