Breaking: बोरवेल से 104 घंटे बाद निकला राहुल, ग्रीन कॉनिडोर बनाकार बिलासपुर भेजा गया

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जांजगीर-चांपा। Rahul came out safe from the borewell, बोरवेल से सुरक्षित निकला राहुल…जांजगीर-चांपा से इस वक्त अच्छी और राहतभरी खबर मिली है। 104 घंटे की कोशिशों के बाद 11 साल के राहुल साहू को बोरवेल से निकाल लिया गया है। इसके बाद एंबुलेंस से ग्रीन कॉनिडोर बनाकर बिलासपुर अपोलाे हॉस्पिटल ले जा गया है। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला के अनुसार राहुल सुरक्षित है।

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दरसअल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मॉनीटरिंग और प्रशासन की कोशिशें आखिरकार सफल हुईं। इसे सफल बनाने में पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के करीब 500 से ज्यादा अफसर और कर्मचारी शामिल रहे। बता दें कि पिहरीद गांव में 10 जून को घर के पास खेलते समय 11 साल का राहुल बोरवेल के 80 फ़ीट गहरे गड्ढे में गिर गया था। राहुल के गड्ढे में गिरे होने की खबर परिजनों को भी करीब तीन घंटे बाद हुई थी।

इसके बाद कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे। सीएम के निर्देश पर राहुल के बचाव के लिए चार आईएएस, दो आईपीएस सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी, इंजीनियर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अधिकारी-कर्मचारी के अलावा सेना के अफसर भी बचाव में जुटे थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने बच्चे के माता पिता से फोन पर बात की है। सीएम ने उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि पूरा शासन प्रशासन राहुल की सकुशल वापसी के लिए लगा हुआ है। आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी। वहीं सीएम ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है।

मां-बाप का बड़ा बेटा है राहुल

हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।

मानसिक रूप से कमजोर है राहुल

राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्‌ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्‌ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।

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