ईरान से 16 भारतीय जल्द स्वदेश लौटेंगे

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ईरान के कब्जे में इजरायल के पोत पर तैनात भारतीय चालक दल के सभी 16 सदस्य सुरक्षित हैं. उनका अपने परिजनों से संपर्क बना हुआ है. सभी जल्द स्वदेश लौटेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

जैसवाल ने बताया कि इनमें से एक महिला सदस्य को छोड़ दिया गया था और वह अपने घर केरल पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि उन्हें पोत पर रुके रहने की बाध्यता नौकरी संबंधी अनुबंध के कारण है, जिसके पूरा होते ही वह अपने घर लौट सकेंगे. दरअसल, ईरान की तरफ से चालक दल के सदस्यों के जाने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में विरोध-प्रदर्शन पर जैसवाल ने कहा कि हमने इस मामले से संबंधित रिपोर्टें देखी हैं. हम संबंधित घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं. प्रत्येक लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए. लोकतंत्रों को विशेष रूप से अन्य साथी लोकतंत्रों के संबंध में यह समझ प्रदर्शित करनी चाहिए. आखिरकार, हम सभी का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि हम घर पर क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं.

मानवाधिकार पर अमेरिका की रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण

भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की उस रिपोर्ट को शुक्रवार को ‘बेहद पक्षपातपूर्ण’ बताया, जिसमें दावा किया गया है कि मणिपुर सहित देश में कथित तौर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ है. भारत ने कहा कि इस रिपोर्ट के जरिए भारत की खराब छवि को पेश किया जा रहा है और वह इसे कोई महत्व नहीं देता है. अमेरिकी विदेश विभाग ने मानवाधिकारों पर अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के बाद राज्य में व्यापक तौर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ है.