पति को पत्नी के स्त्रीधन पर कोई अधिकार नहीं: उच्चतम न्यायालय

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नई दिल्ली: भारतीय न्याय प्रणाली ने एक बड़ा फैसला दिया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी पति का उसकी पत्नी के स्त्रीधन पर कोई नियंत्रण नहीं होता. अतः, चाहे संकट का समय हो या फिर कोई अन्य परिस्थिति, पति को उस समय भी नैतिक दायित्व से अपनी पत्नी को उसका स्त्रीधन लौटाना होगा.
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में एक महिला को उसके पति से उसके सोने के आभूषण लौटाने का निर्देश दिया. इस मामले में महिला ने दावा किया कि उसकी शादी के समय उसके परिवार ने उसे 89 सोने के सिक्के उपहार में दिए थे. शादी के बाद, उसके पिता ने उसके पति को दो लाख रुपये का चैक भी दिया था. महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति और उनकी मां ने उसके सोने के आभूषणों का दुरुपयोग किया और उसे अपने कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल किया. कुटुम्ब अदालत ने इस मामले में फैसला दिया कि पति और उनकी मां ने वास्तव में महिला के सोने के आभूषण का दुरुपयोग किया और इसलिए उसे नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए.
हालांकि, केरल उच्च न्यायालय ने कुटुम्ब अदालत द्वारा दी गई राहत को आंशिक रूप से खारिज करते हुए कहा कि महिला ने पति और उनकी मां द्वारा सोने के आभूषणों की हेराफेरी को साबित नहीं किया. इसके बाद, महिला ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया