Raipur: 12 साल की नौकरी पर लटकी तलवार, पूरा वेतन भी वसूला जाएगा

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बैकुंठपुर. कोरिया कृषि विभाग वॉटरशेड परियोजना में फर्जी निवास पत्र के सहारे नियुक्त तकनीकी विशेषज्ञ कुलदीप त्रिपाठी की करीब 12 साल संविदा नौकरी पर तलवार लटकने लगी है. कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय रायपुर के आदेश पर नौकरी से बर्खास्त, सेवा अवधि के वेतन-भत्तों की वसूली और संविदा नौकरी में भ्रष्टाचार द्वारा आय से अधिक अर्जित संपत्ति की जांच होगी.

जानकारी के अनुसार भाजपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सोबरन राम ने कृषि उत्पादन आयुक्त सह सचिव को शिकायत सौंपी थी. जिसमें उल्लेख है कि वर्ष 2012 में जल ग्रहण योजना में विभिन्न पदों पर संविदा नियुक्ति करने विज्ञापन निकाले गए थे. जिसमें आवेदन को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना अनिवार्य था. भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी विशेषज्ञ के पद पर कुलदीप त्रिपाठी पिता रामनाराण त्रिपाठी निवासी उमरवाह विकासखंड भरतपुर जिला कोरिया का चयन हुआ.

जो पिछले 12 साल से संविदा सेवाएं दे रहे हैं. मामले में आरटीआई से तकनीकी विशेषज्ञ की जानकारी निकाली गई है. जिसे तकनीकी विशेषज्ञ के पिता या उनके कोई रिश्तेदार ग्राम उमरवाही के निवासी नहीं हैं और न कभी निवासरत थे. तकनीकी विशेषज्ञ शहडोल जिला मध्यप्रदेश के निवासी हैं और उनकी पूरी पढ़ाई मध्यप्रदेश में हुई है. साथ ही फर्जी निवास पत्र के आधार पर नौकरी हथियाई है. मामले में फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले तकनीकी विशेषज्ञ के खिलाफ कार्रवाई करें.

सीईओ जलग्रहण ने फरवरी में भेजा है पत्र : सीईओ छत्तीसगढ़ राज्य जलग्रहण प्रबंधन एजेंसी रायपुर ने कलेक्टर सह अध्यक्ष डब्ल्यूसीडीसी कोरिया को कार्रवाई करने फरवरी 2024 को पत्र भेजा है. जिसमें उल्लेख गया गया है कि प्रकरण में कार्रवाई कर कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराएं. मामले में कलेक्टर ने कृषि उपसंचालक से तकनीकी विशेषज्ञ के सारे दस्तावेज मंगवाए गए हैं. तकनीकी विशेषज्ञ की भर्ती के समय वर्ष 2012 में एकमुश्त वेतन 20880 रुपए तय था. उस हिसाब से करीब 12 साल की सेवा अवधि के वेतन 30 लाख से अधिक वसूली होगी.

भ्रष्टाचार की भी होगी जांच

प्रार्थी की शिकायत पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अवर सचिव घनश्याम लाल साहू ने सीईओ छत्तीसगढ़ राज्य जलग्रहण प्रबंधन एजेंसी रायपुर को कार्रवाई करने पत्र लिखा है. जिसमें उल्लेख है कि तकनीकी विशेषज्ञ के फर्जी निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर संविदा सेवा से बर्खास्त करें. सेवा अवधि के वेतन-भत्तों की वसूली और भ्रष्टाचार से आय से अधिक अर्जित संपत्ति की जांच कर कार्रवाई करें.

तकनीकी विशेषज्ञ के प्रकरण में भर्ती से संबंधित सारे दस्तावेज कलेक्टर सह अध्यक्ष डब्ल्यूसीडीसी ने मंगवाए हैं. हमने सारे दस्तावेज भेज दिए हैं. जो भी कार्रवाई होगी, वहीं से होगी. -राजेश भारती, उप संचालक कृषि कोरिया