रामदेव सार्वजनिक रूप से माफी मांगें: सुप्रीम कोर्ट

0
7

नई दिल्ली. भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को भूल सुधारने को एक सप्ताह में सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल उन्हें (रामदेव और बालकृष्ण) अभी अवमानना के बंधन से ‘मुक्त’ नहीं कर रहे हैं.

जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव को हिदायत दी कि वे आधुनिक चिकित्सा प्रणाली ‘एलोपैथी’ को नीचा दिखाने के लिए किसी तरह का प्रयास न करें.

इससे पहले, रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत में निजी रूप से पेश होकर बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वे अपनी गलती के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को भी तैयार हैं.

माफी मांगने को तैयार मामले की सुनवाई शुरू होने पर रामदेव और बालकृष्ण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल अपनी भूल के लिए सार्वजनिक माफी मांगने और खेद जताने को तैयार हैं. इस पर जस्टिस कोहली ने रोहतगी से कहा कि विज्ञापन के माध्यम से आपको जो करना है, करें, हम इस पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. लेकिन इस समय, हम यह नहीं कह रहे हैं कि वे (रामदेव और बालकृष्ण) बंधन से बाहर हैं.’