तेजस्वी यादव को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत

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आपराधिक मानहानि मामले में घिरे बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामला खारिज कर दिया. दरअसल, गुजरातियों को लेकर यादव ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी. हालांकि, उन्होंने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बयान वापस ले लिया था. उन्होंने कह दिया था, ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं.’

यादव ने 19 जनवरी को शीर्ष न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर बयान वापस लने की बात कही थी. इसके बाद कोर्ट ने 29 जनवरी को यादव को बगैर शर्त बयान वापस लेने के लिए एक और उचित बयान देने के आदेश दिए. बाद में राजद नेता की तरफ से एक और हलफनामा दाखिल किया गया था. जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां का मानना था कि जब माफी मांग ली गई है, तो केस को आगे क्यों बढ़ाना.

इस मामले में 5 फरवरी को ही बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. खास बात है कि यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले को गुजरात से कहीं और स्थानांतरित करने की अपील की थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और केस करने वाले गुजरात के रहवासी को नोटिस जारी किया था.

शिकायत के अनुसार, मार्च 2023 में मीडिया से बातचीत के दौरान यादव ने कहा था, ‘मौजूदा हालात में सिर्फ गुजराती ही ठक हो सकते हैं और उनके धोखे को माफ कर दिया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘अगर वे LIC या बैंक का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा.’ मेहता का कहना था कि राजद नेता के बयान ने सभी गुजरातियों का अपमान किया है.