विधानसभा में उप मुख्यमंत्री ने कहा- बस्तर में नहीं सुनने मिलेगा ‘लाल सलाम’ का नारा… ‘जय श्रीराम’ की सुनाई देगी गूंज

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रायपुर. विधानसभा में आज उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पूरे दावे के साथ कहा कि आने वाले समय में बस्तर में नक्सलवाद का लाल सलाम नारा पूरी तरह खत्म हो जाएगा. वहां जय श्रीराम के नारे की गूंज सुनाई देगी. ध्यानाकर्षण के दौरान कांग्रेस विधायक व्दारिकाधीश यादव ने कहा कि बस्तर क्षेत्र अंतर्गत सुकमा जिले के टेकलगुड़ेम गांव के निकट पुलिस बल, सीआरपीएफ तथा नक्सल मुठेभड़ में 3 जवान शहीद हो गए. विगत दो माह में प्रदेश में नक्सल घटनाओं में तेजी आई है. विगत 30 जनवरी  को घटित नक्सली घटना से पूरा प्रदेश आंदोलित है. विगत वर्षों में नक्सल घटनाओं में कमी हुई थी, किन्तु पुनः नक्सल घटनाओं के सिर उठाने से बस्तर क्षेत्र के विकास में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. मुख्य धारा में लौट रही आम जनता का जीवन पुनः भय से ग्रसित है. उप मुख्यमंत्री (गृह मंत्री) विजय शर्मा ने कहा कि यह सही है कि पिछले दो माह में सूरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच 19 मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें 8 जवान एवं 4 नागरिक शहीद हुए. दो नक्सली मारे गए एवं कई नक्सली घायल हुए. पिछले आठ हफ्तों में यह नई सरकार बस्तर क्षेत्र में 27 मोबाइल टॉवर लगवाने तथा 35 किलोमीटर की सड़क बनवाने में कामयाब रही. इन आठ हफ्तों में धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दस केम्प खोल दिए गए. यहां तक कि जिस टेकलगुड़ेम में मुठभेड़ हुई वहां भी खेम्प खोला जा चुका है. आने वाले समय में बस्तर में लाल सलाम नहीं होगा, जय श्रीराम होगा.

कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने सवाल उठाया कि 1 जनवरी 2024 को बीजापुर जिले में नक्सली हमले में छह माह की बच्ची की मौत हो गई. इसमें क्या कार्रवाई हुई? कांग्रेस विधायक श्रीमती अनिला भेड़िया ने कहा कि आपका इंटेलिजेंस फेल है, इसीलिए नक्सली घटनाएं बढ़ रही हैं. कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि नक्सली वारदातों के नाम पर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा रहा है. इनकी रिहाई के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?  उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार के समय में बस्तर में शिथिलता वाली स्थिति थी. नक्सलवाद के खिलाफ लड़ने इच्छा शक्ति की कमी थी, इसलिए टकराव नहीं दिखता था. हमारी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ आगे बढ़ रही है इसलिए मुठभेड़ भी दिख रही है. अब नक्सल प्रभावित गांवों में उन्नति केम्प बन रहे हैं. जिस टेकलगुड़ेम क्षेत्र में कभी 22 जवान शहीद हो गए थे वहां तक हम केम्प खोलने में सफल रहे हैं.