ज्ञानवापी के संपूर्ण सर्वे के लिए एक और अर्जी

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ज्ञानवापी परिसर में शेष तहखानों के साथ संपूर्ण परिसर का एएसआई सर्वे कराने के लिए बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक और अर्जी पड़ी.

अर्जी में आदि विश्वेश्वर के मूलवाद (1991) के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने आठ में से अन्य तीन तहखानों समेत ज्ञानवापी परिसर के सभी छूटे हिस्से के सर्वे की मांग की है.

उन्होंने कहा है कि मुख्य गुंबद को नुकसान पहुंचाए बिना उसके नीचे बंद तहखाने के पास सुरंग बनाकर जीपीआर तकनीक से सर्वे किया जाए. अदालत ने इस आवेदन पर अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद , सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड और एएसआई को आवेदन की प्रति देते हुए आपत्ति दाखिल करने के लिए 12 फरवरी कि तिथि तय कर दी. अर्जी में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2023 को इस मामले के मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आदेश सुनाया था. उसमें कहा गया कि शृंगार गौरी वाद में किये गए एएसआई सर्वें रिपोर्ट को इस पुराने वाद में दाखिल करें. वाद मित्र इस रिपोर्ट से अलग जो कुछ सर्वे कराना चाहते हैं, अलग से आवेदन दे सकते हैं. इस आदेश के क्रम में रडार तकनीक से सर्वे कराने का अनुरोध है.

वाद मित्र विजय शंकर व सहायक अधिवक्ता सुनील रस्तोगी ने कहा कि आराजी नंबर 9130 का सर्वे किया गया है. आदि विश्वेश्वर के आराजी नं. 9131 व 9132 में क्या स्थिति है, इसकी भी एएसआई सर्वे कर रिपोर्ट दें.

मुख्य गुंबद,चबूतरे के नीचे से मिलेगी विस्तृत जानकारी

वाद मित्र ने कहा है कि एएसआई ने जो सर्वे किया है, वहां कई स्थान बंद हैं. मुख्य गुम्बद के नीचे तहखाना है, वह तीन तरफ से बंद है. बहुत सारा मलबा है. वहां एएसआई जीपीआर तकनीक से सर्वे नहीं कर पा रही है. ऐसे में पूर्व में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी की ओर से दिए गए उस आदेश के मुताबिक सर्वे किया जाए. मुख्य गुम्बद से हटकर उसे कोई नुकसान पहुंचाये बिना सुरंग बनाकर नीचे के तहखाने का रडार तकनीक से सर्वे किया जाए.