देश में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर में आएगी वैष्णव

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संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर तक बाजार में आ जाएगी. उन्होंने पूरे परिवेश पर ध्यान केंद्रित करने के साथ कम समय में देश में एक बहुत मजबूत सेमीकंडक्टर उद्योग विकसित करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया.

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक से इतर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनवरी 2022 में सेमीकंडक्टर नीति शुरू की थी. जब उन्होंने यहां उद्योग के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी तब वे सभी हैरान थे कि इतने कम समय में ऐसा कैसे संभव है. उन सभी ने नीति तथा इस तथ्य की सराहना की कि पीएम ने हमेशा व्यापक परिवेश बनाने पर जोर दिया है .

सीमा मुद्दे का असर व्यापार पर नहीं पड़ना चाहिए चीन

चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ सीमा मुद्दों की ‘समाधान प्रक्रिया’ जारी है. इसका असर व्यापार समेत अन्य संबंधों पर नहीं पड़ना चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित मुद्दे ऐतिहासिक हैं. ये मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थान रखते हैं और इसी के जरिये इसका हल किया जाना चाहिए.

विश्वास बहाली पर जोर देने की अपील

बैठक के आखिरी दिन शुक्रवार को वैश्विक नेताओं से विश्वास की बहाली पर जोर देने की अपील की गई. डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष बोर्ज ब्रेंडे ने कहा कि दुनिया के नेताओं से अर्थव्यवस्था में नई जान डालने, भ्रामक सूचना, समाज में ध्रुवीकरण, जलवायु परिवर्तन एवं संघर्षों के जोखिमों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया.

भारत ने नए गठबंधन की घोषणा की

डब्ल्यूईएफ की बैठक से इतर एक नए गठबंधन ‘एलायंस फॉर ग्लोबल गुड- जेंडर इक्विटी एंड इक्वलिटी’ की घोषणा की. यह घोषणा भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में की गई. स्मृति ईरानी ने कहा कि इस गठबंधन का विचार जी20 नेताओं की घोषणाओं और पीएम मोदी द्वारा प्रतिपादित महिला नेतृत्व वाले विकास के प्रति भारत की स्थायी प्रतिबद्धता से उभरा.

दस हजार कंपनियों ने निवेश की रुचि दिखाई

बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि देश मे निवेश के लिए 10 हजार से अधिक कंपनियों ने रुचि दिखाई है. ईरानी ने कहा प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, हम डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश आकर्षित करने में सक्षम हुए. भारत पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी हाइड्रोजन परियोजना पेश कर चुका है. इस योजना ने निवेशकों का भी ध्यान खींचा है.

वैष्णव ने कहा कि 104 विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पहले से ही मौजूद हैं. उनके पाठ्यक्रम को संशोधित किया जा रहा और एक अलग निवेश योजना के साथ डिजाइन पर अधिक ध्यान दिया गया है. उद्योग के विकास पर पहले ज्यादा ध्यान नहीं दिये जाने के बारे में वैष्णव ने कहा कि मोदी के विचार दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर केंद्रित होते हैं. वह हमेशा कम से कम 10 साल, 20 साल, 30 साल और 50 साल के दृष्टिकोण को लेकर सोचते हैं.