60 घंटे से बोरवेल में मासूम… आज सुबह केला और जूस लिया, एनडीआरएफ ने कहा-यह अब तक का अलग ऑपरेशन
देर रात शुरू हुआ सुरंग बनाने का काम, कुछ घंटे में राहुल तक पहुंचने की उम्मीद

जांजगीर। Innocent in borewell बोरवेल में मासूम… जिले के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे 11 सल के राहुल को बचाने के लिए पूरी सिस्टम लग गई है। इस बीच, राहुल को निकालने के लिए 60 घंटे से अधिक समय से रेस्क्यू चल रहा है। वहीं, राहत की खबर है कि राहुल ने आज सुबह जूस पिया और केला भी खाया।
बचाव अभियान में जुटी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) टीम का दावा है कि अब तक कई ऑपरेशन किए, लेकिन यह सबसे अलग है। दूसरी ओर, कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि चट्टानों की बाधा को हम चुनौती के रूप में ले रहे हैं। वहीं, विधायक ने कहा कि भगवान भी चाहते हैं हम राहुल को बचा लें।
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।
ड्रिलिंग के दौरान एक चट्टान आ जाने से राहुल साहू को बाहर निकालने का समय थोड़ा बढ़ जरूर गया है।
लेकिन बोरवेल के आसपास पिछले 3 दिनों से गूंजती एनडीआरएफ के जवानों की ये आवाजें राहुल की उम्मीद बनी हुई हैं।
बच्चे ने आज सुबह 5 बजे केला भी खाया है। pic.twitter.com/TLxmrrsfpE
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 13, 2022
जानकारी के अनुसार रविवार को रोबोट की मदद से बच्चे को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिलने पर रविवार की देर रात सुरंग बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। कुछ ही घंटे में बच्चे तक पहुंचने की बात कही जा रही है। रोबोट विशेषज्ञ आने के बाद टनल बनाने का काम कुछ घंटे रुक गया था।
सीएम भूपेश लगातार ले रहे अपडेट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी राहुल के लिए बेहद चिंतित हैं, यही वजह है कि वे रातभर लगातार रेस्क्यू का अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री बघेल ने कल राहुल के स्वजन से वीडियो काल पर फिर बात की। उन्होंने कहा कि बिलकुल चिंता न करें हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि राहुल का शीघ्र रेस्क्यू हो और वह जल्द ही हम लोगों के बीच सकुशल आएगा।
छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू अभियान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निर्देश हैं कि राहुल को सकुशल निकालने की हर सम्भव कोशिश करना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहुल को बचाने के लिए पिछले 24 घंटे से प्रशासनिक और पुलिस महकमा घटना स्थल से हिला नहीं है। राहुल को बचाने जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल के साथ चार आइएएस, दो आइपीएस, एक एएसपी, दो डिप्टी कलेक्टर, पांच तहसीलदार, चार डीएसपी, आठ इंस्पेक्टर समेत रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर से भी बचाव दल जी जान से लगा हुआ है। साथ ही पुलिस के करीब 120 जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं।