इस देश में सैनिटरी पैड फ्री, पहले पुरुषों के इस्तेमाल के लिए बनाए थे, लेकिन अब…

महिलाओं को यह सुविधा उपलब्ध कराने वाला दुनिया का पहला देश बना स्कॉटलैंड

नई दिल्ली। स्कॉटलैंड में महिलाओं को पीरियड्स से जुड़े सभी प्रोडक्ट मुफ्त दिए जाएंगे। 2020 में स्कॉटिश पार्लियामेंट ने इस बारे में कानून बनाया था। यहां अब कोई भी महिला आसानी से मुफ्त में सैनिटरी पैड और दूसरे पीरियड प्रोडक्ट हासिल कर सकती है।स्कॉटलैंड महिलाओं को यह सुविधा उपलब्ध कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। दूसरी ओर अपने देश समेत दुनिया के कई हिस्सों में पीरियड्स को आज भी टैबू समझा जाता है।

फूट्स खाते हैं तो अलर्ट हो जाएं, क्योंकि इससे

स्कॉटलैंड के नेताओं ने जोर-शोर से कहा कि उन्होंने अपने देश से पीरियड्स पॉवर्टी को खत्म कर दिया है। बता दें कि पीरियड पॉवर्टी उस स्थिति को कहते हैं जहां कोई महिला आर्थिक तंगी की वजह से सैनिटरी प्रोडक्ट नहीं खरीद पाती है। एक आंकड़े के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान यूरोप की एक तिहाई महिलाओं ने पीरियड पॉवर्टी का सामना किया। जॉर्ज मैसन यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च के मुताबिक कॉलेज जाने वाली 14 फीसदी अमेरिकी लड़कियां पीरियड पॉवर्टी की शिकार थीं।

भारत में करीब 50 फीसदी महिलाएं कपड़े यूज करती हैं

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की रिपोर्ट के मुताबिक देश की लगभग आधी महिलाओं को मेंस्ट्रूअल प्रोडक्ट उपलब्ध नहीं होते हैं। देश की 49.6फीसदी महिलाएं पीरियड्स में पैड की जगह कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की 69.4फीसदी, असम की 69.1फीसदी, छतीसगढ़ की 68.6फीसदी और बिहार की 67.5फीसदी महिलाएं माहवारी में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं।

भारत में ये चल रही योजनाएं

भारत में भी महिलाओं को फ्री में या कम दर पर पीरियड प्रोडक्ट देने की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन जागरुकता के अभाव और प्रशासनिक लापरवाही के चलते ज्यादातर योजनाएं बीच में ही दम तोड़ देती हैं। बिहार सरकार ने स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड दिए जाने की योजना चलाई थी। लेकिन बिहार के कई स्कूलों में लड़कों को भी फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ दिया जाने लगा था। इसके अलावा ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ तहत सैनिटरी नैपकिन एक रुपए प्रति पैड की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।

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