पहलवानों के लिए अच्छा मौका, बजरंग अखाड़ा योजना शुरू, रायपुर में खुलेगी कुश्ती अकादमी

सीएम भूपेश ने कहा- नागपंचमी पर मलखंब, मल्लयुद्ध, कुश्ती खेलने की रही है प्राचीन परंपरा

RAIPUR. नागपंचमी पर छत्तीसगढ़ के पहलवानों के लिए अच्छी खबर आई है। दरअसल, सीएम भूपेश बघेल ने पहलवानों के लिए बजरंग अखाड़ा प्रोत्साहन योजना शुरुआत की है। राजधानी के गु​िढ़यारी में कुश्ती स्पर्धा में शामिल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा करते हुए कहा कि रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी भी जल्द खोली जाएगी। गुढ़ियारी में शंकर सेवा समिति की ओर से आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मलखंब और कुश्ती प्रतियोगिता की प्राचीन परंपरा रही है।

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नागपंचमी का त्योहार उन्हें बचपन की याद दिलाता है। बचपन में स्लेट पट्टी पर नागदेवता का चित्र बनाते थे। यह एक सुखद अनुभव है। उन्होंने कहा कि नागपंचमी के अवसर पर पहले गांव-गांव में मलखंब, मल्लयुद्ध, कबड्डी आदि के आयोजन होते थे। पहलवान बड़ी संख्या में हिस्सा लेते थे। आज के दौर में ऐसे अवसर पर कुश्ती का आयोजन सराहनीय है।

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राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रही है। बड़ी संख्या में बच्चे और बुजुर्ग हिस्सा ले रहे हैं। राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए तत्पर है। इस मौके पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने भी संबोधित किया।

पहले गांव-गांव में होते थे ऐसे आयोजन

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कुश्ती प्रतियोगिता को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नागपंचमी के अवसर पर मलखंब और कुश्ती प्रतियोगिता की प्राचीन परंपरा रही है। त्यौहार के अवसर पर ऐसे प्रतियोगिता आपसी भाईचारे और सौहार्द्र का संचार करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपंचमी के अवसर पर पहले गांव-गांव में मलखम्ब, मल्लयुद्ध कबड्डी, कुश्ती आदि का आयोजन होते थे।

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