ईवीएम, वीवीपैट पर संदेह जताने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में खारिज, अब एक हफ्ते में देना होगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने कहा हर 6-8 महीने में एक याचिका दायर हो रहीं, जरूरत से ज्यादा संदेही हो रही हैं याचिकाकर्ता

NEW DELHI (EVMs-VVPATs). छत्तीसगढ़ समेत देशभर में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और उसके साथ मतों की पुष्टि करने वाले वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर संदेह जताया जाता है। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में न केवल सुनवाई करने से इंकार कर दिया बल्कि ईवीएम के खिलाफ लगातार लगाई जा रही याचिकाओं को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका करने वालों से कहा कि याचिकाकर्ता जरूरत से ज्यादा संदेही हो रही हैं। ईवीएम और वीवीपैट की निष्पक्षता पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं और आखिर चुनाव के वक्त ही ईवीएम का रोना क्यों?

सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें भारत निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है। शनिवार को भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में अपना हलफनामा प्रस्तुत किया। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आयोग के हलफनामा प्रस्तुत करने के बाद इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के इंकार कर दिया।

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इसके साथ ही याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई नवंबर में की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से प्रस्तुत हलफनामा (शपथ-पत्र) में गलत विवरण है और इस मामले को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

आयोग ने दिया ये हलफनामा

आयोग ने अपने हलफनामे में कहा िक याचिका में पर्याप्त सबूत पेश िकए बिना अस्पष्ट और निराधार दावा करते हुए ईवीएम और वीवीपैट के संचालन के बारे में संदेह जताया गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह की याचिकाओं की आशंका है। पिछले चुनाव में भी यह पैटर्न रहा है। सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में लगाई गई 25 से ज्यादा याचिकाओं पर संवैधानिक न्यायालयों ने भारतीय चुनाव में ईवीएम के उपयोग की लगातार पुष्टि की है। 2004 से ईवीएम का प्रयोग किया जा रहा है। इसके बाद विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी में बदलाव के 44 उदाहरण हैं। लोकसभा में यह बदलाव दो बार हुआ है।

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